
कांग्रेस पार्टी को शुक्रवार सुबह बड़ा धक्का लगा। वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और लंबे समय तक संसद में सक्रिय रहे शिवराज पाटिल चाकुरकर का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने महाराष्ट्र के लातूर जिले में स्थित अपने घर “देवघर” में सुबह करीब 6:30 बजे अंतिम सांस ली।
काफी समय से वह बीमार थे और घर पर ही उनका इलाज चल रहा था।
संसद से गृह मंत्रालय तक—लंबा और प्रभावशाली सफर
शिवराज पाटिल भारतीय राजनीति की उन कुछ चुनिंदा हस्तियों में रहे, जिन्होंने कई महत्वपूर्ण संवैधानिक पदों पर कार्य किया।
वे लोकसभा के स्पीकर रहे, कई केंद्रीय मंत्रिपद संभाले, और यूपीए सरकार में केंद्रीय गृह मंत्री भी बने। उनकी राजनीतिक समझ और शांत स्वभाव के लिए सभी दलों में सम्मान था।

लातूर—उनकी राजनीतिक कर्मभूमि
लातूर के चाकुर से आने वाले शिवराज पाटिल क्षेत्र में बेहद लोकप्रिय थे। वे लातूर लोकसभा सीट से 7 बार सांसद चुने गए। 2004 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी उन्हें राज्यसभा के माध्यम से केंद्र में जिम्मेदारियां सौंपी गईं, जहाँ उन्होंने फिर से गृह मंत्रालय का नेतृत्व संभाला।
कांग्रेस का शोक संदेश
कांग्रेस पार्टी, विभिन्न राज्यों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख जताया है। पार्टी ने कहा कि शिवराज पाटिल का जाना भारत की संवैधानिक और लोकतांत्रिक परंपरा के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
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